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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी लिरिक्स : jite bhi lakadi marate bhi lakadi lyrics

 जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी लिरिक्स : jite bhi lakadi marate bhi lakadi lyrics : bhajanprasaadam

 जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का,
क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का 
जीते भी लकड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

जिसमे तेरा जन्म हुआ वो, पलंग बना था लकड़ी का 
माता तुम्हारी लोरी गाये, वो पालना था लकड़ी का 
जीते भी लकड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

पड़ने चला जब पाठशाला में, लेखन पाटी लकड़ी का 
गुरु ने जब जब डर दिखलाया, वो डंडा था लकड़ी का 
जीते भी लकड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

जिसमे तेरा ब्याह रचाया, वो मंडप था लकड़ी का 
वृद्ध हुआ और चल नहीं पाया, लिया सहारा लकड़ी का 
जीते भी लकड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

डोली पालकी और जनाजा, सब कुछ है ये लकड़ी का 
जनम मरण के इस मैले में, है सहारा लकड़ी का 
जीते भी लकड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


उड़ गया पंशी रह गई काया, बिस्तर बिछाया लकड़ी का 
एक पलक में ख़ाक बनाया, ढेर था सारा लकड़ी का 
जीते भी लकड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मरते दम तक मिटा नहीं भैया, झगड़ा झगड़ी लकड़ी का 
राम नाम  की रट लगाओ तो, मिट जाय झगड़ा लकड़ी का 
जीते भी लकड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

क्या राजा क्या रंक मनुष संत, अंत सहारा लकड़ी का 
कहत कबीरा सुनो भाई साधो , ले ले तम्बूरा लकड़ी का 

जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का,
क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का 
जीते भी लकड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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