फूलो में सज रहे है लिरिक्स : phoolo me saj rahe hai lyrics : bhajanprasaadam
फूलो में सज रहे है, श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही है, वृषभानु की दुलारी
फूलो में सज रहे है,,,,,,,,,,
टेड़ा सा मुकुट सर पे, रखा है इस अदा से
करुणा बरस रही है, करुणा भरी निगाह से
बिन मोल बिक गई हूँ, जब से छवी निहारी
फूलो में सज रहे है,,,,,,,,,,
बहिया गले में डाले, जब दोनों मुस्कराते
सबको ही प्यारे लगते, सबके ही मन को भाते
इन दोनों पे में सदके, इन दोनों पे में वारी
फूलो में सज रहे है,,,,,,,,,,
श्रिंगार तेरा प्यारे, सोभा कहु क्या उसकी
इत पे गुलाबी पतका, उत पे गुलाबी सारी
फूलो में सज रहे है,,,,,,,,,,
नीलम से सोहे मोहन, स्वर्णिम सी सोहे राधा
इत नन्द का है छोरा, उत भानु की दुलारी
फूलो में सज रहे है,,,,,,,,,,
चुन चुन के कालिया जिसने, बंगला तेरा बनाया
दिव्या आभूषणो से, जिसने तुझे सजाया
उन हाथो पे में सदके, उन हाथो पे में वारी
फूलो में सज रहे है,,,,,,,,,,
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bhajanprasaadam